नई दिल्ली। नई पीढ़ी-नईं सोच (पं.) संस्था हमेशा से जनता की भलाई के लिए समर्पित रहती है। इसी कड़ी में एक कार्य और किया गया। इस बार संस्था की ओर से बचत खाता कैंप लगाया गया। यह कैंप संस्था के केंद्रीय कार्यालय के निकट संस्था के सदस्य इलमत के आफिस में आयोजित किया गया। इस कैंप में लगभग 100 लोगों के खाते खोले गए।
इस कैंप का उद्घाटन संस्था के कोषाध्यक्ष डॉ. आर. अंसारी ने अपनी पत्नी का खाता खुलवाकर किया। कैंप देर से शुरू होने के कारण ज्यादा लोगों के खाते नहीं खुल पाए। इस पर भारतीय स्टेट बैंक (चांदनी चैक) से आए अधिकारियों ने सोमवार को दोबारा कैंप लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें नहीं मालूम था कि यहां इतने खाते खुल जाएंगे।
संस्था के सरपरस्त अब्दुल खालिक ने कहा कि जब से यह संस्था बनी है तब से लोगों की सेवा में लगी हुई है। इसके सभी सदस्य युवा हैं और अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण रूप से निभाते हैं।
संस्था के उपाध्यक्ष मो. रियाज़ ने कहा कि संस्था लगातार अपनी तरफ से कोशिश करती रहती है कि लोगों की जितनी मदद की जा सकती है करें क्योंकि एक समय था जब हम दूसरों लोगों के पास जाते थे तो वह लोग कहते थे कि अभी समय नहीं कल आना आदि। परन्तु संस्था के सदस्यों ने अपने कीमती समय में से लोगों की सेवा के लिए समय निकालकर लोगों की परेशानी दूर करने की पूर्ण कोशिश की है।
ब्लाक अध्यक्ष यामीन ने कहा कि लोगों को खाता खुलवाने में कभी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि दिल्ली सरकार की कई सारी योजनाओं में बचत खाता होना जरूरी है जैसे अन्नश्री, सिलेंडर सब्सिडी, छात्रवृत्ति आदि। हम रोजाना 5-10 लोगों के खाते खुलवाने जाते थे परन्तु इससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था इसलिए संस्था की एक बैठक हुई जिसमें सभी ने यह निर्णय लिया कि हम बैंकों में जाकर बात करें कि वह हमारे यहां बचत खाता कैंप आयोजित करें।
फिर उपाध्यक्ष मो. रियाज़ और मैं कई बैंक में गए हर बैंक का अपना नियम था परन्तु भारतीय स्टेट बैंक में सिर्फ दो प्रूफ पर ही खाता खुल जाता है। जब संस्था की ओर से एक पत्र लिखकर बैंक को दिया गया तब उन्होंने यहां कैंप लगाने की हामी भरी। हम बैंक मैनेजर के आभारी हैं।
इस मौके पर अब्दुल खालिक, मो. अंसार, डॉ. आर. अंसारी, मो. रियाज़, अब्दुल रज्जाक, यामीन, सदरे आलम, मो. नाजिम, इरशाद अहमद, रईस अहमद, आमीर अहमद, आजाद, कुरबान, अनीस, इलमत, फुरकान, गुलजार अख्तर आदि शामिल थे जिन्होंने फार्म आदि भरे व लोगों की परेशानी कम करने की कोशिश की।