Friday 26 February 2016

किरायेदारों की सत्यापन के लिए एप्स बनवाने की मांग की

नई दिल्ली। नई पीढ़ी-नई सोच(पंजी.) संस्था समाज के लिए रोजना कुछ न कुछ करती रहती है जिससे समाज की भलाई हो सके। संस्था समय-समय पर समाज की आवाज बनकर विभागों से पत्र व्यवहार करती रहती है। इस बार संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को एक पत्र लिखकर किरायेदार सत्यापन एप्स बनाने की मांग की है।
उन्होंने अपने पत्र के शुरू में आयुक्त को संबोधित करते हुए लिखा है कि आपके कार्यकाल में दिल्ली पुलिस ने काफी नाम व इज्जत कमाई है जिसकी जनता तारीफ करते नहीं थकती है। संस्था आपका व पूरी दिल्ली पुलिस का शुक्रिया अदा करती है और कामना करती है कि दिल्ली पुलिस ऐसे ही कार्य करती रहेगी। आपके आने से लोगों की काफी परेशानी कम हुई है या कहें तो परेशानी खत्म हो गई है। जो लोग थाने में जाने से डरते थे या पुलिस वालों के व्यवहार के कारण वह उनकी इज्जत नहीं करते थे। यदि किसी व्यक्ति को अपनी एफआईआर करवानी हो तो पहले उसे अपने कार्य से छट्टी करनी पड़ती थी तथा वह थाने जाने से डरता था अर्थात् जो लोग मोबाइल, पहचान पत्र खोने आदि की एफआईआर करवाने थाने जाते थे परंतु उन्हें डर लगा रहता था कि हमारी एफआईआर होगी या नहीं या फिर पुलिस वाले हमारे साथ कैसा व्यवहार करेंगे। वहीं इसी काम के लिए दिल्ली के हर थाने में दिल्ली पुलिस के कई अधिकारी व पुलिस कर्मी लगे रहते थे। इस परेशानी को खत्म करने के लिए आपने आम जनता की परेशानी को समझा और अपनी दूरदृष्टि से एक एप्स खोय+पाया तैयार करवाया जिससे लोग आपने खोए हुए सामान की घर बैठे शिकायत कर सकते हैं और उसकी कापी कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं और जो पुलिसकर्ती इन कामों में लगे थे वह जनता की सुरक्षा में तैनात करा दिए गए या फिर अन्य कामों में लगा दिए गए जिससे जनता का कार्य समय पर पूरा होने लगा है।
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि फिर आपने महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए हिम्मत एप्स तैयार करवाया जो आपके कार्यकाल की एक और सफलता है। इस एप्स का महिलाएं काफी तादाद में इस्तेमाल कर रही हैं और इसका फायदा उठा रहीं हैं। इसके बाद आपने एमवी थैट अर्थात गाड़ी चोरी होने की रिपोर्ट आनलाइन कर सकते हैं और अपनी शिकायत की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसी के साथ आपकी ओर से एक और एप्स तैयार किया गया जिसका फायदा लोग आपनी नौकरी आदि के लिए करेक्टर सर्टिफिकेट के रूप में कर रहे हैं। पहले इसके लिए थाने के चक्कर काटना पड़ते थे परंतु अब लोग अपने घर बैठे ही यह काम कर लेते हैं। फिर आपकी ओर से एक एप्स और तैयार करवाया गया जो जनता के लिए ही है यह आनलाइन पुलिस क्लीरेंश सर्टिफिकेट एप्स है। इसका लोग पूरा फायदा उठा रहे हैं और आपकी तारीफ कर रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि हमें अफसोस है परंतु आप पर फर्क भी है कि आप अपने कार्यकाल को दिल्ली पुलिस के इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखवाने में कामयाब हो सके हैं हम चाहते हैं कि आप अपनी सेवा के आखिर समय में एक कार्य और कर लें जिससे आपको दिल्ली की जनता हमेशा याद रखे। हम चाहते हैं कि जैसे आपने यह एप्स बनवाएं और जनता को समर्पित कर दिया जिससे जनता इन एप्स का फायदा कहीं भी कर सकती हैं वैसे ही एक किरायेदार वेरिफिकेशन एप्स बनवाएं जिससे लोग इसका प्रयोग अपने घर बैठे कर सकें और दिल्ली पुलिस को भी सभी किरायेदारों का पूर्ण ब्यौरा आसानी से मिल सकेगा और किसी भी घटना पर समय रहते काबू पाया जा सके। लोग थाने जाने से डरते हैं क्योंकि थाने में जाने पर पुलिसकर्मी कई तरह के सवाल करते हैं जिससे मकान मालिक किरायेदारों की वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं और जब कोई घटना घट जाती तो पुलिस कर्मी लोगों को परेशान करते हैं। यदि मान लो किसी का किरायेदार वेरिफिकेशन का फार्म जमा आसानी से कर भी लिया जाता है तो जो स्लिप दी जाती है उस पर कोई नंबर नहीं होता है सिर्फ थाने की मोहर होती है। अधिकतर यह भी देखा जाता है कि किरायेदारों की वेरिफिकेशन की याद सिर्फ 26 जनवरी या 15 अगस्त पर ही याद आती है जो कि गलत है।
उन्होंने पत्र के अंत में लिखा कि श्रीमान जी हमारी संस्था चाहती है कि आप अपनी सेवानिवृति से पहले किरायेदार वेरिफिकेशन का एक और एप्स तैयार करवा दें जिससे जनता आपको सदा आपके कार्य के लिए याद करती रहे और जो नए आयुक्त आएं वह भी आपके जैसे कार्य करने के लिए मजबूर हों। अगर यह एप्स बन जाएगा तो यह जनता और पुलिस दोनों के लिए मददगार होगा जिससे किसी भी परेशानी को समय रहते निपटा जा सकता है। इस एप्स का रिकार्ड भी रहेगा कि कौन-सा किरायेदार अब कहां रह रहा है जो अभी तक मुश्किल था। इससे बीट के पुलिसकर्मियों को भी अपनी बीट का पूरा ब्यौरा आसानी से मिल जाएगा कि कौन कहां रहता है। इस एप्स का यह फायदा भी होगा कि कोई अपराधी कहीं से अपराध करके कहीं गलत तरीके से रहता है तो वह आसानी से पकड़ा जाएगा। संस्था आपका व पूरी पुलिस टीम का एक बार फिर शुक्रिया अदा करती है कि आपने जनता की सहायता के लिए जो भी कार्य किए वह काबिले तारीफ है।

Saturday 13 February 2016

ई-एनजीओ प्रोग्राम

डिजिटल एम्पावरमेंट फाउण्डेशन के सहयोग से ‘फैडरेशन फाॅर एजूकेशन एण्ड डवलपमेंट’ द्वारा आईसीटी क्षमता निर्माण के लिए ‘डोमेन फाॅर डवलपमेंट’ पर सामुदायिक केन्द्र, पुरानी सीमापुरी, दिल्ली में 13.02.2016 को श्री रामनारायण दूबे (पूर्वी दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता) की उपस्थिति में आयोजित कार्यशाला जिसमें 150 से अधिक एनजीओ/एनपीओ/ट्रस्टों ने भाग लिया। इसमें नई पीढ़ी-नई सोच (पंजी.) की ओर से उपाध्यक्ष मो. रियाज़ ने भाग लिया और सोशल मीडिया की बारीकियों को सीखा। 
डिजिटल इम्पावरमेंट फाउण्डेशन नई दिल्ली ई-एनजीओ के प्रोग्राम इंचार्ज अमन ने कहा कि आज के दौर में तकनीक की उच्च स्तरीय सेवाओं से आगे बढ़ा जा सकता है। वे ‘फैडरेशन फाॅर एजूकेशन एण्ड डवलपमेंट’ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में एनजीओ के प्रतिनिधियों को समझा रहे थे। उन्होंने कहा कि आज आनलाइन सेवाओं ने देश-दुनिया को एक-दूसरे के निकट ला दिया है।




















DONATION

Ansar Sound Box

Contact Form

Name

Email *

Message *