नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो ने किराया बढ़ाने के संबंध में लोगों से सुझाव मांगे हैं जिसमें उनकी ओर से न्यूनतम किराया 15 रु. व अधिकतम 70 रु. रखा जाना है जिस पर नई पीढ़ी-नई सोच संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष साबिर हुसैन ने संस्था की ओर से पत्र लिखकर किराये से संबंधी जानकारी देते हुए मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रु. व अधिकतम 40 रु. करने का सुझाव दिया है।
उन्होंने ने अपने पत्र में लिखा है कि आपने जनता से मेट्रो का किराया बढ़ाने के संबंध में सुझाव मांगे हैं। आपकी ओर से लागू होने वाला न्यूनतम किराया 15 रु. व अधिकतम 70 रु. रखा जाना है। मौजूदा समय में मेट्रो का न्यूनतम किराया 8 रु. व अधिकतम 30 रु. है जो समय के अनुसार बहुत कम माना जा सकता है परंतु कई स्थानों पर यह अभी अधिक है।
उन्होंने आगे लिखा संस्था चाहती है कि मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रु. व अधिकतम 40 रु. हो। इससे मेट्रो की यात्रा करने वालों पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा और मेट्रो के यात्री संख्या में भी अधिक गिरावट नहीं आएगी। यदि मेट्रो की ओर से न्यूनतम किराया 15 रु. किया जाता है तो इससे छोटी यात्रा करने वालों की संख्या घट जाएगी। मान लीजिए किसी को कश्मीरी गेट से चांदनी चैक या शास्त्री पार्क से सीलमपुर या कश्मीरी गेट से तीस हजारी आदि जाना है तो व मेट्रो का प्रयोग नहीं करेंगे क्योंकि जितनी देर में वह मेट्रो स्टेशन जाएगा उतनी देर में वह उससे कम पैसे में बस या अन्य सवारी से कम समय पर पहुंच जाएगा। इसी प्रकार से कई अन्य रूट हैं जिन पर किराया बढ़ने का पूरा असर देखा जा सकेगा।
उन्होंने पत्र के अंत में लिखा कि संस्था चाहती है कि मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रु. व अधिकतम 40 रु. हो। इससे यात्री पर तो अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और मेट्रो की कमाई में भी कोई कमी नहीं आएगी।
उन्होंने ने अपने पत्र में लिखा है कि आपने जनता से मेट्रो का किराया बढ़ाने के संबंध में सुझाव मांगे हैं। आपकी ओर से लागू होने वाला न्यूनतम किराया 15 रु. व अधिकतम 70 रु. रखा जाना है। मौजूदा समय में मेट्रो का न्यूनतम किराया 8 रु. व अधिकतम 30 रु. है जो समय के अनुसार बहुत कम माना जा सकता है परंतु कई स्थानों पर यह अभी अधिक है।
उन्होंने आगे लिखा संस्था चाहती है कि मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रु. व अधिकतम 40 रु. हो। इससे मेट्रो की यात्रा करने वालों पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा और मेट्रो के यात्री संख्या में भी अधिक गिरावट नहीं आएगी। यदि मेट्रो की ओर से न्यूनतम किराया 15 रु. किया जाता है तो इससे छोटी यात्रा करने वालों की संख्या घट जाएगी। मान लीजिए किसी को कश्मीरी गेट से चांदनी चैक या शास्त्री पार्क से सीलमपुर या कश्मीरी गेट से तीस हजारी आदि जाना है तो व मेट्रो का प्रयोग नहीं करेंगे क्योंकि जितनी देर में वह मेट्रो स्टेशन जाएगा उतनी देर में वह उससे कम पैसे में बस या अन्य सवारी से कम समय पर पहुंच जाएगा। इसी प्रकार से कई अन्य रूट हैं जिन पर किराया बढ़ने का पूरा असर देखा जा सकेगा।
उन्होंने पत्र के अंत में लिखा कि संस्था चाहती है कि मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रु. व अधिकतम 40 रु. हो। इससे यात्री पर तो अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और मेट्रो की कमाई में भी कोई कमी नहीं आएगी।