उन्होंने आगे लिखा कि गत दिनों आईटीओ पर ही पीडब्ल्यूडी व दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के पीछे कई लोगों को असामाजिक तत्वों का शिकार होना पड़ा। इन्हें कोई पहचाने भी कैसे क्योंकि यह लोग अंधेरे का फायदा उठाकर भाग जाते हैं। इसी आईटीओ की बात करें तो आईटीओ से दिल्ली गेट लगभग 1 किलोमीटर का रास्ता है जिस पर पैदल चलना काफी मुश्किल है क्योंकि इस रास्ते पर लाइट तो लगी है पर जलती है। यदि आपको आईटीओ से दिल्ली गेट होते हुए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन या दरियागंज जाना है तो आप अपनी जान जोखिम में डालकर जाएंगे क्योंकि यहां पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम नहीं हैं। दिल्ली गेट पर ही पुलिस स्टेशन है इसके सामने ही काफी अंधेरा रहता है। यहां पर खड़ा होना या यहां से पैदल दरियागंज होते हुए जामा मस्जिद तक जाना खतरनाक है अगर आप जामा मस्जिद तक पहुंच भी गए तो इसके आगे लाल किले तक जाना काफी मुश्किल है। इसी तरह यहां पर आगे जाना काफी मुश्किल है क्योंकि यहां रोजाना किसी न किसी के साथ दुर्घटना हो जाती है क्योंकि चोर अपना काम करके अंधेरे का फायदा उठाकर भाग जाते हैं। यदि आप कहेंगे कि यहां कैमरे लगे हैं तो वह भी अंधेरे में काम नहीं करेंगे।
उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि श्रीमान जी यह वह इलाके हैं जहां से रोजाना कई वीआईपी निकलते हैं और तो और पूरा प्रेस एरिया, पासपोर्ट आफिस, इनकम टैक्स आफिस, दिल्ली पुलिस मुख्यालय, पीडब्ल्यूडी मुख्यालय आदि इस रूट पर हैं तब इन मुख्य सड़कों पर रोशनी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं तो लोकल इलाकों में क्या हाल होगा। इसका अंदाजा आसानी से लगया जा सकता है। इसलिए संस्था चाहती है सभी मुख्य सड़कों की लाइटों को ठीक किया जाए व इन्हें बीच-बीच में चैक किया जाए कि यह जल भी रही हैं या नहीं व इस प्रकार की लापरवाही में जो दोषी हों उन्हें सजा दी जाए।
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