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नईं दिल्ली। हर साल शबे बारात की रात में कईं लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। इसमें कईं बार गलती खुद की होती है तो कईं बार दूसरे की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
दिल्ली पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी हर साल बाइक सवार हुड़दंग करने से बाज नहीं आते हैं और अपनी व दूसरों की जान को नुकसान पहुंचाते हैं। शबे बारात की रात इबादत की रात है। बाइक आदि से हुड़दंग मचाने की नहीं। वहीं नईं पीढ़ी-नईं सोच संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन का कहना है कि शबे बारात की रात को हम सैर सपाटे में तब्दील कर देते हैं जबकि यह गलत है। उन्होंने कहा कि यह रात ऐसी रात है जिसमें जितनी इबादत की जाए उतनी कम है।
जबकि वुछ नौजवान इन बातों को भूलकर अपनी ही दुनिया में मस्त हो जाते हैं और बाइक आदि से हुड़दंग मचाते हैं और यह समझते हैं कि आज पुलिस भी वुछ नहीं कहेगी जो कि गलत है। पुलिस धार्मिक भावनाओं के कारण उन्हें वुछ नहीं कहती।साबिर हुसैन न कहा कि सभी अभिभावकों को यह ध्यान रखना होगा कि आपका बच्चा आपकी गाड़ी तो नहीं ले जा रहा है। उन्हें गाड़ी न दें बल्कि इस रात की फजीलत के बारे में जानकारी दें जिससे सभी को फायदा होगा।
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