नई दिल्ली। राजधानी में परिवहन साधन का उपयोग करने वाला एक बड़ा तबका आम आदमी का होता है और जबकि इन बसों में लगे इलैक्ट्रानिक डिस्प्ले अंग्रेजी में सूचना प्रदर्शित करते हैं जिससे हिन्दी भाषी लोगों को अंग्रेजी समझने में मुश्किल होती है। नई पीढ़ी-नई सोच संस्था ने इस जन समस्या पर आवाज उठाते हुए दिल्ली परिवहन मंत्री अरविन्दर सिंह लवली को पत्र लिखा।
इस पत्र के माध्यम से बताया कि बसों में लगे डिसप्ले बोर्ड अंग्रेजी में चलित या लगे होने के कारण अनपढ़ लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसके साथ ही डीटीसी के कंडक्टर व ड्राइवर भी यात्रियों से बदतमीजी करते हैं व अपनी मर्जी से गेट खोलते व बंद करते हैं। स्टैंड पर गाड़ी नहीं रोकते खासकर लालकिले के स्टैंड पर गाड़ी न रोककर या तो गाड़ी आगे रोकते हैं या पीछे रोकते हैं। इसके साथ एक और समस्या पैदा होती है कि लाल किले के स्टैंड पर बस होती है और टिकट पिछले स्टैंड का मिलता है जब बस लाल किला पार कर जाती है तब उनका स्टैंड लाल किले का शुरू होता है जिसका खामियाजा यात्रियों को भरना पड़ता है क्योंकि यात्रियों को पता ही नहीं होता कि टिकट किस स्टैंड से कटा है।
आगे बताया है कि बस अड्डे से लेकर आईटीओ तक ज्यादातर बसें एसी की ही चलती हैं जबकि नान एसी बसें कम ही चलती है।नान एसी न मिलने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है व मजबूरी में उन्हें एसी बसों में यात्रा करना पड़ती है।नई कलस्टर बसों में सुविधा फिर अच्छी हैं। कलस्टर बसों में कंडक्टर हर स्टैंड पर बस रुकवाकर आवाज लगाते हैं व अगला स्टाप आने वाला है बोलते हैं व उसमें भी अगले स्टाप की उद्घोषणा होती है मगर डीटीसी बस में ऐसा कुछ नहीं है। डीटीसी बसों में भी ऐसी सुविधा हैं मगर उसका इस्तेमाल नहीं किया जाता व यात्रियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जाता है।
संस्था ने परिवहन मंत्री से अनुरोध किया है कि डीटीसी की लो फ्लोर बसों की सभी सुविधाएं शुरू कर दी जाएं व ड्राइवर व कंडक्टरों को भी हिदायत दी जाए कि वह हर स्टैंड पर बस रोककर आवाज लगाएं व यात्रियों को परेशान न करें।