Friday 11 April 2014

कम मतदान के लिए चुनाव आयोग भी जिम्मेदार

-कई बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई गांधी नगर की मतदाता सूची ठीक
-चुनाव आयोग द्वारा बांटने के लिए दी गई पर्ची नहीं मिलने से लोगों में काफी रोष देखने को मिला
-यदि समय से पहले पड़ताल कर ली जाती तो लोग ज्यादा से ज्यादा मतदान कर सकते थे
-सही पोलिंग बूथ की जानकारी के लिए एस.एम.एस. बना हाथियार


नई दिल्ली। दिल्ली में हर एक मतदाता अपना वोट डालने के लिए पूरे जोश में दिख रहा था। इसमें वह मतदाता सबसे ज्यादा जोश में दिखे जिन्होंने अपने मत का पहली बार प्रयोग किया। मतदाता जोश में क्यों न हो क्योंकि यह जोश तो चुनाव आयोग द्वारा हर जिले में जागरुकता कैम्प लगाकर जो लोग को जागरुक किया गया। इनका पूर्ण साथ दिया दिल्ली की कईं सारी संस्थाओं ने।
हर मतदान केन्द्र पर सुबह से ही भीड़ दिखनी शुरू हो गईं थी उसी के साथ देर शाम तक वोटिंग होती रही परंतु गांधी नगर विधानसभा के मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए सुबह से शाम तक इधर से उधर चक्कर लगते रहे क्योंकि बुलन्द मस्जिद कालोनी में सभी मतदान केन्द्र की मतदाता सूची सही नहीं के कारण काफी परेशानी हुई। चुनाव आयोग द्वारा जो पर्ची बीएलओ को बांटने के लिए दी गई थी वह उन्होंने कालोनी के नेताओं को दे दी जो कि वहां बांटी ही नहीं गईं जिससे लोगों में काफी रोष भी देखने को मिला।
नई पीढ़ी-नई सोच संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने कहा कि इसकी शिकायत चुनाव आयोग सहित सभी संबंधित अधिकारियों से कई बार की गईं थी कि गांधी नगर विधानसभा की मतदाता सूची ठीक कर दी जाए नहीं तो मतदान वाले दिन मतदान कम होने की आशंका है और वही हुआ। लोग वोट तो डालना चाहते थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनको वोट किस पोलिंग बूथ में डालना है। कुछ लोगों का कहना था कि हमारे घर के वुछ वोट किसी पोलिंग बूथ में थे कुछ किसी में। यदि समय रहते इसकी सही से पड़ताल कर ली जाती तो लोग ज्यादा से ज्यादा मतदान कर सकते थे।
संस्था के उपाध्यक्ष मो. रियाज ने बताया कि हमारा पोलिंग बूथ नं. 17 (बुलंद मस्जिद) है परंतु हमारे कुछ वोट पोलिंग बूथ नं. 85 (गांधी नगर) में कर दिए गए। दोनों पोलिंग बूथ की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है। ऐसे ही कुछ और वोट थे जो अन्य पोलिंग बूथ में थे, वहां पर लोग वोट डालने नहीं जा पाए क्योंकि पोलिंग बूथ दूर था और उसकी उन्हें जानकारी नहीं थी।
इसके अलावा कुछ लोगों को अपना मतदाता पहचान पत्र भी नहीं मिला जिस कारण भी वोट कम हुए और इसके लिए कहीं न कहीं चुनाव आयोग व मतदाता पहचान पत्र केंद्र भी जिम्मेदार हैं। यदि सभी अपनी जिम्मेदारी के साथ काम करते तो मतदान और अधिक होता।
संस्था के कोषाध्यक्ष डाॅ. आर अंसारी ने बताया कि हम लोगों ने पूरे दिन लोगों को उनके सही पोलिंग बूथ की जानकारी एसएमएस से दिलवाते रहे जिससे काफी परेशानी को हमने कम किया। लोगों का कहना था कि चुनाव आयोग बड़े-बड़े दावे तो करता है परंतु जो जरूरी काम है वह नहीं करता।
साबिर हुसैन ने कहा कि हमारी संस्था के सभी पदाधिकारी व सदस्य सुबह से ही लोगों के घरों पर जा-जाकर वोट डालने के लिए कहते रहे। उन्हें उनके सही पोलिंग बूथ की जानकारी देते रहे जिससे पोलिंग ज्यादा से ज्यादा हो परंतु यह कोशिश पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकी। यदि मतदाता सूची सही होती तो पोलिंग 85-90 प्रतिशत तक जा सकती थी जो 60-65 के बीच में फंसकर रहे गई और यह चुनाव आयोग की कमी के कारण हुआ है।

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