Friday 7 September 2012

बुलंद मस्जिद स्कूल की द्वितीय पाली में शिक्षकों कमी को पूरा करने की मांग की


नई दिल्ली। नई पीढ़ी-नई सोच संस्था समय-समय पर समाज की छोटी-छोटी बातों को अधिकारियों तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करती है। जो समाज के हित के लिए होती है परंतु वह उसे नहीं मिल पाती है। संस्था अधिकतर शिक्षा के क्षेत्र में आ रही कमी के लिए अधिकारियों को शिक्षा से संबंधी परेशानी से अवगत कराते रहते हैं।
संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने बताया कि दिल्ली के अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों कमी है ऐसा ही हाल बुलंद मस्जिद, शास्त्री पार्क के स्कूल में है यहां लगभग 1700 बच्चें पढ़ रहे हैं और अभी तक पर्याप्त मात्रा में शिक्षक मौजूद नहीं हैं। स्कूल में शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हैं जिस पर कोई भी अधिकारी कोई ठोस कार्यवाही करने को तैयार नहीं हैं।
श्री साबिर हुसैन ने बताया कि शिक्षकों कमी की पूर्ति के लिए उप राज्यपाल, श्रीमती षीला दीक्षित (मुख्यमंत्री), किरण वालिया (शिक्षा मंत्री), क्षेत्रिय षिक्षा निदेषक, षिक्षा निदेषक, उप षिक्षा निदेषक को पत्र लिखकर शिक्षकों की कमी से अवगत कराया है।
उन्होंने बताया कि बुलंद मस्जिद, शास्त्री पार्क स्कूल बुलंदी की ओर अग्रसर है। इस स्कूल के दो पाली में होने से बच्चों को पढ़ने-लिखने में कोई परेशानी नहीं हो रही है परंतु द्वितीय पाली में शिक्षकों की कमी है।
उन्होंने बताया कि स्कूल में शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हैं जिस पर अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते हैं मगर इस पर कोई ठोस कार्यवाही करने को तैयार नहीं हैं। क्या सरकार इस पर जान-बूझकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, क्योंकि काफी समय से इस स्कूल में शिक्षकों की कमी है परंतु सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही।
उन्होंने आगे बताया कि यदि समय रहते इस स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो इन बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। यह बच्चों के साथ नाइंसाफी नहीं होगी तो और क्या होगा? अभिभावकों की शिकायत है कि स्कूल दो पाली में तो हो गया है परंतु यहां पर शिक्षकों की कमी द्वितीय पाली में बरकरार है। जिस कारण यहां पर कई बार अभिभावक उपप्रधानाचार्य से शिश्कायत कर चुके हैं कि स्कूल में पढ़ाई नहीं हो रही है। जिससे यहां के बच्चों का भविष्य नहीं बन सकता बल्कि बिगड़ रहा है परंतु उपप्रधानाचार्य कम स्टॉफ में भी स्कूल को सुचारु रूप से चलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने शिश्क्षकों की कमी की पूर्ति के लिए अधिकारियों को अवगत करा दिया है और आश्वासन दिया कि वह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जिस प्रकार प्रथम पाली में स्कूल सुचारु रूप से चल रहा है उसी प्रकार द्वितीय पाली का स्कूल भी सुचारु रूप से चलेगा।
उन्होंने बताया कि बच्चे स्कूल में पढ़ने तो आ रहे हैं क्योंकि उन्हें समय पर मिड-डे मिल, पुस्तकें व 2010-11 में वर्दी के पैसे जो अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग निर्धारित थी वैसे ही 2011-12 में अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग पैसे निर्धारित थे जैसे छठी व आठवीं तक वर्दी व वजीफे के 500/- व 700/- रुपये थे परंतु इस वर्ष 2012-2013 में अभी तक कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी गई है जबकि दूसरे स्कूलों में सभी प्रकार की आर्थिक सहायता बांट दी गई है जिस कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति भी कम हो रही है।
उन्होंने बताया कि स्कूल के उपप्रधानाचार्य के अथक प्रयासों से यह स्कूल चल रहा है व बच्चे शिक्षा की ओर अग्रसर हो रहे हैं क्योंकि वह यहां के बच्चों को बीच-बीच में शिक्षा के लिए प्रेरित करते रहते हैं और यह भी कहते हैं कि यदि कोई बच्चा स्कूल नहीं आ पा रहा है तो उसे स्कूल भेजने की कोशिश करें हम उसका दाखिला करेंगे। उपप्रधानाचार्य का व्यवहार सभी के प्रति अच्छा है। जिस कारण यहां के अभिभावक अधिकारियों से ज्यादा शिकायत नहीं करते। यदि यही हाल रहा तो अभिभावक शिकायत करने पर मजबूर हो जाएंगे। नया स्कूल होने के कारण यहां कुछ परेशनी थी वह सभी धीरे-धीरे पूरी कर ली है जैसे अभिभावकों का स्कूल में उपप्रधानाचार्य से मिलने का समय किसी भी कार्य संबंधी, पीटीए व वीकेएस के सदस्यों का समय आदि।
उन्होंने आखिर में बताया कि यदि यहां पर जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं चल सकेगी क्योंकि यहां लगभग 1700 बच्चें पढ़ रहे हैं और अभी तक पर्याप्त मात्रा में शिक्षक मौजूद नहीं हैं। जिस कारण यह स्कूल बुलंदी की ओर नहीं जा सकेगा बल्कि यह स्कूल जमीनदोष हो जाएगा।

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