Sunday 1 December 2013

ایڈس و متداتا جاگرکتا کیمپ کا آیوجن کیا

نئی دہلی۔ پوروی دہلی کے گاندھی نگر ودھان سبھا میں ستھت شاستری پارک میں نئی پیڑھی نئی سوچ(پنجی) سنستھا نے ایڈس و متداتا جاگرکتا ابھیان کاریہ کرم کا آیوجن کیا۔ یہ کیمپ کوش ادھیکش ڈا۔ آر۔ انصاری کی جنتا کلینک میں لگایا گیا۔ کیمپ میں ایڈس سے بچاو، متدان کرنے و صحیح امیدوار چننے کے لئے پریرت کیا گیا جسمیں سبھی نے بڑھ چڑھ کر بھاگ لیا۔
کاریہ کرم کی ادھیکشتا سنستھا کے سنستھاپک و راشٹریہ ادھیکش شری صابر حسین دوارہ کی گئی انہوں نے کاریہ کرم میں اپنے وچار ویکت کرتے ہوئے کہا که ہماری سنستھا کا ادیشیہ زیادہ سے زیادہ متداتاؤں کو جاگرک کر متدان پرتیشت بڑھانا ہے جس سے متدان کے دن متداتا گھر پر چھٹی کا آنند لینے کے بجائے اپنے ادھیکاروں کا پر یوگ کر صحیح امیدوار چن سکے نہیں تو 5 ورش تک ہمیں اپنی بھول کا احساس ہوتا رہیگا که ہم نے متدان کیوں نہیں کیا، کیونکہ صحیح امیدوار چننے میں بھاگ نہیں لیا اور یہی متدان پرتیشت کم ہونے کا کارن بھی ہے جبکہ دہلی میں یہ 100 پرتیشت ہونا چاہئیے۔
ڈا۔ آر۔ انصاری نے کہا که یدی ہم جاگرک ہیں تو ایڈس کی سنبھاونا کم ہوتی ہے و صحیح متدان سے ہم صحیح امیدوار کو چن سکتے ہیں نہیں تو ہم 5 سال تک اپنی بھول کا احساس کرتے رہتے ہے که صحیح سمیہ پر اگر ہم نے سرکشا اپنائی ہوتی تو یہ دن دیکھنے کو نہیں ملتا۔ یہ بات دونوں پر لاگو ہوتی ہے
1۔ ایڈس موجودہ سمیہ میں ایڈس تیزی سے پھیل رہا ہے۔ اسکے سب سے زیادہ یووا شکار ہو رہے ہیں۔ یووا اپنے دوستوں کی غلط سنگت کو گرہن کرتے ہیں اور جب وہ زیادہ بیمار ہو جاتے ہیں تو پھر ڈاکٹروں و اسپتال کے چکر لگاتے ہیں۔ جب انکی جانچ آدی ہوتی ہے تو پتہ چلتا ہے که وہ ایڈس (ایچ آئی وی پاجٹو) سے گرست ہیں۔ لوگ ابھی بھی ایڈس کی جانچ کرانے سے گھبراتے ہیں۔ وہ سوچتے ہیں که یدی مجھے ایڈس ہوا تو مجھے سماج کس نظر سے دیکھےگا۔
2۔ متدان یدی ہم ووٹ ڈالنے نہیں جاتے ہیں تو غلط ویکتی چن کر آ جاتا ہے۔ جب غلط ویکتی چن کر آ جاتا ہے تو ہم کہتے ہیں که یہ ویکتی غلط ہے۔ ہمیں اسے غلط کہنا کا ادھیکار نہیں کیونکہ اگر ہم نے اپنے مت کا پر یوگ کیا ہوتا تو صحیح غلط ویکتی چن کر آ سکتا تھا۔
ڈا۔ انصاری نے کہا که یووا آگے آ کر ایڈس و صحیح متدان کی جانکاری حاصل کریں و اس سے ہونے والے نقصان سے اپنے آپ کو بچائیں و دوسروں کو بھی بچانے کی کوشش کریں۔
سنستھا کے اپادھیکش شری مو۔ ریاض نے کوتا کے مادھیم سے کہا که ایک راستہ خراب ہے تو دوسرا راستہ اپنا لیں گے، باہر سرکشا کا ڈر لگے تو چھٹی گھر پر بتا لیں گے، گھر پر پانی نہیں آیا تو پڑوسی کا دروازہ کھٹکھٹا لیں گے، رات میں بجلی چلی گئی تو کینڈل لائٹ ڈنر کا بہانہ بنا لیں گے، مہنگائیں کی مار پڑی تو ایک سبزی سے گجارا کر لیں گے، سرکاری دفتر کے چکر لگانے پڑے تو رشوت دیکر کام نکال لیں گے، بڑے عجیب ہے نہ ہم ہر مصیبت اٹھائینگے پھر بھی ووٹ کرنے نہیں جا ئینگے۔ لیکن ایک دن کی مصیبت سے بچنے کے لئے 5 سال کی مصیبت مت پالو، اپنی بات منوانی ہے تو ووٹ ضرور ڈالو۔ سناکر سبھی سے متدان کرنے کی شپتھ دلوائی که میں، 04 دسمبر 2013 دن بدھوار کو متدان کرنے ضرور جاؤنگا و اپنے ساتھ اوروں کو بھی متدان کیندر لیکر جاؤنگا تتھا سبھی کو کاریہ کرم میں بھاگ لینے و سمیہ دینے کے لئے دھنیواد دیا تتھا کاریہ کرم میں سہیوگ دینے والے شری عبدل خالق، شری زبیر اعظم، حنیف پردھان، مو۔ الیاس، مولانا حسین صاحب، حاجی جابر حسین، مو۔ شئیب، مو۔ عمر و سنستھا کے پدادھیکاری سدسیوں و انیہ جنوں کا رہا ہے۔

एड्स व मतदाता जागरुकता कैम्प का आयोजन किया

नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर विधानसभा में स्थित शास्त्री पार्क में नई पीढ़ी-नई सोच(पंजी) संस्था ने एड्स व मतदाता जागरुकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कैम्प कोषाध्यक्ष डॉ. आर. अंसारी की जनता क्लीनिक में लगाया गया। कैम्प में एड्स से बचाव, मतदान करने व सही उम्मीदवार चुनने के लिए प्रेरित किया गया जिसमें सभी ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन द्वारा की गई उन्होंने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी संस्था का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को जागरुक कर मतदान प्रतिशत बढ़ाना है जिससे मतदान के दिन मतदाता घर पर छुट्टी का आनंद लेने के बजाय अपने अधिकारों का प्रयोग कर सही उम्मीदवार चुन सके नहीं तो 5 वर्ष तक हमें अपनी भूल का एहसास होता रहेगा कि हमने मतदान क्यों नहीं किया, क्योंकि सही उम्मीदवार चुनने में भाग नहीं लिया और यही मतदान प्रतिशत कम होने का कारण भी है जबकि दिल्ली में यह 100 प्रतिशत होना चाहिए।
डॉ. आर. अंसारी ने कहा कि यदि हम जागरुक हैं तो एड्स की संभावना कम होती है व सही मतदान से हम सही उम्मीदवार को चुन सकते हैं नहीं तो हम 5 साल तक अपनी भूल का एहसास करते रहते है कि सही समय पर अगर हमने सुरक्षा अपनाई होती तो यह दिन देखने को नहीं मिलता। यह बात दोनों पर लागू होती है
1. एड्स-मौजूदा समय में एड्स तेजी से फैल रहा है। इसके सबसे ज्यादा युवा शिकार हो रहे हैं। युवा अपने दोस्तों की गलत संगत को ग्रहण करते हैं और जब वह ज्यादा बीमार हो जाते हैं तो फिर डाक्टरों व अस्पताल के चक्कर लगाते हैं। जब उनकी जांच आदि होती है तो पता चलता है कि वह एड्स (एचआईवी पॉजिटिव) से ग्रस्त हैं। लोग अभी भी एड्स की जांच कराने से घबराते हैं। वह सोचते हैं कि यदि मुझे एड्स हुआ तो मुझे समाज किस नजर से देखेगा।
2. मतदान-यदि हम वोट डालने नहीं जाते हैं तो गलत व्यक्ति चुनकर आ जाता है। जब गलत व्यक्ति चुनकर आ जाता है तो हम कहते हैं कि यह व्यक्ति गलत है। हमें उसे गलत कहना का अधिकार नहीं क्योंकि अगर हमने अपने मत का प्रयोग किया होता तो सही गलत व्यक्ति चुनकर आ सकता था।
डॉ. अंसारी ने कहा कि युवा आगे आकर एड्स व सही मतदान की जानकारी हासिल करें व इससे होने वाले नुकसान से अपने आपको बचाएं व दूसरों को भी बचाने की कोशिश करें।
संस्था के उपाध्यक्ष श्री मो. रियाज ने कविता के माध्यम से कहा कि एक रास्ता खराब है तो दूसरा रास्ता अपना लेंगे, बाहर सुरक्षा का डर लगे तो छुट्टी घर पर बिता लेंगे, घर पर पानी नहीं आया तो पड़ोसी का दरवाजा खटखटा लेंगे, रात में बिजली चली गई तो कैंडिल लाइट डिनर का बहाना बना लेंगे, महंगाईं की मार पड़ी तो एक सब्जी से गुजारा कर लेंगे, सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने पड़े तो रिश्वत देकर काम निकाल लेंगे, बड़े अजीब है ना हम हर मुसीबत उठाएंगे फिर भी वोट करने नहीं जाएंगे। लेकिन एक दिन की मुसीबत से बचने के लिए 5 साल की मुसीबत मत पालो, अपनी बात मनवानी है तो वोट जरूर डालो। सुनाकर सभी से मतदान करने की शपथ दिलवाई कि मैं, 04 दिसम्बर 2013 दिन बुधवार को मतदान करने जरुर जाउंगा व अपने साथ औरों को भी मतदान केंद्र लेकर जाउंगा तथा सभी को कार्यक्रम में भाग लेने व समय देने के लिए धन्यवाद दिया तथा कार्यक्रम में सहयोग देने वाले श्री अब्दुल खालिक, श्री जुबैर आजम, हनीफ प्रधान, मो. इलियास, मौलाना हुसैन साहब, हाजी जाबिर हुसैन, मो. शुएब, मो. उमर व संस्था के पदाधिकारी-सदस्यों व अन्य जनों का रहा है।


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