Friday 8 September 2017

शास्त्री पार्क स्कूल के सैंकड़ों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में

-केजी व पहली कक्षा के विद्यार्थियों को शास्त्री पार्क स्कूल से ब्रह्मपुरी के स्कूल में किया ट्रांसफर
-अभी कुछ समय पहले ही केजी और पहली कक्षा में दिया गया था एडमिशन
-अभिभावकों का कहना है कि ब्रह्मपुरी स्कूल में भेजने से बढ़िया बच्चों को घर पर रखा जाए
-ट्रांसफर के लिए जा रहे अभिभावकों के साथ हो रहा जोन दुर्व्यवहार
-अभिभावक नहीं करवा रहे ब्रह्मपुरी स्कूल में एडमिशन

नई दिल्ली। नई पीढ़ी-नई सोच संस्था के उपाध्यक्ष मो. रियाज ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर सर्वोदय कन्या विद्यालय शास्त्री पार्क स्कूल के केजी व पहली कक्षा के विद्यार्थियों को घर के पास वाले स्कूल में भेजने की मांग की है क्योंकि यहां के विद्यार्थियों को ब्रह्मपुरी के स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया है जो इस स्कूल से भी लगभग 1 कि.मी. दूर है। यह इन विद्यार्थियों के भविष्य को बनाने से पहले ही अंधकार में डालने जैसे है। 
उन्होंने पत्र के शुरू में लिखा कि सर्वोदय कन्या विद्यालय(एसकेवी), शास्त्री पार्क (स्कूल आईडी 1105021) जो उत्तर-पूर्वी जिला, जोन-5 के अंतर्गत आता है। यहां अभी कुछ समय पहले ही केजी और पहली कक्षा के लिए प्रवेश बंद हुआ है मगर प्रवेश देने के कुछ समय बाद ही यहां के केजी और पहली कक्षा के विद्यार्थियों को ब्रह्मपुरी के स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया। इसके लिए इन बच्चों के अभिभावकों ने जब कक्षा अध्यापकों वप्रधानाचार्य से इस पर चर्चा की तो उन्होंने सरकारी आदेश का हवाला दिया। इन बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर बच्चों की एसएलसी उनके हाथों में देकर ब्रह्मपुरी के स्कूल में दाखिला दिलवाने की बात कही। यह स्कूल एसकेवी शास्त्री पार्क स्कूल से लगभग 1 किलोमीटर दूर है जिस कारण अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला ब्रह्मपुरी स्कूल में करवाने से कतरा रहे हैं क्योंकि एसकेवी स्कूल भी बहुत सारे बच्चों के घर से दूर पड़ता था मगर इन बच्चों के भाई-बहन या जानकार यहां पढ़ते थे तो यह एक साथ आ-जा सकते थे परंतु अब ऐसा नहीं हो पाएगा दूसरा पहले यह बच्चे सुबह स्कूल जाते थे अब यह दोपहर में स्कूल जाएंगे।
उन्होंने आगे लिखा कि अगर हम ब्रह्मपुरी स्कूल की बात करें तो इस स्कूल में एडमिशन देख रहे इंचार्ज व यहां के स्टाॅफ का अभिभावक के प्रति बात करने का व्यवहार बहुत खराब है। यह लोग न तो अभिभावक को सही जानकारी दे रहें और न ही उनसे सही से बात कर रहे हैं। ऐसे में अभिभावक इस सोच में पड़ गए हैं कि जब यहां के शिक्षक व स्टाॅफ ऐसे हैं तो बच्चों को ऐसे स्कूल में भेजने से बढ़िया बच्चों को घर रखा जाए। वहीं कुछ अभिभावक जो बुलंद मस्जिद कालोनी से वहां पहुंचे थे उन्होंने बताया कि सोचा था कि बुलंद मस्जिद स्कूल में अध्यापकों की कमी है जिस कारण यहां पढ़ाई ठीक नहीं हो पाती तो इसलिए हमने अपने बच्चों का नाम एसकेवी शास्त्री पार्क स्कूल में करवाया था मगर इन्होंने हमें कीचड़ से निकालकर दलदल में डाल दिया है।
उन्होंने पत्र में आगे बताया कि ब्रह्मपुरी का स्कूल तो बुलंद मस्जिद स्कूल से भी ज्यादा बेकार है। यहां बच्चों का भविष्य बनेगा तो नहीं बल्कि बिगड़ जरूर जाएगा। कुछ अभिभावक बुलंद मस्जिद स्कूल में भी गए कि चलो ब्रह्मपुरी स्कूल की जगह घर के पास ही दाखिला हो जाए तो यहां के प्रधानाचार्य जी ने बड़े ही अच्छी तरह से बात की मगर अपनी मजबूरी भी बता दी कि आपके बच्चों का दाखिला हम नहीं कर सकते इसके लिए जोन से लिखवाकर लाना पड़ेगा मगर जोन में तो अभिभावकों साथ इससे ज्यादा बदतमीजी हुई उन्हें बुरा भला कहकर वापस भेज दिया गया और कहा कि जहां बच्चों को ट्रांसफर किया जा रहा है वहीं पर दाखिला करवाओ वरना बच्चों की एसएलसी आपके पास है अपने बच्चों को घर पर रखे। अब आप ही बताएं कि अभिभावक क्या करें।
उन्होंने आगे बताया कि अभिभावकों का कहना है कि जब बच्चों को ट्रांसफर ही करना था तो इसमें बड़े बच्चों को भी तो ट्रांसफर कर सकते थे केजी और पहली के बच्चों को ही क्यों। क्या जनता ने आपको इसीलिए चुना था कि आपके अधिकारी जनता के साथ दुव्र्यवहार करें। क्या आप की सरकार भी पिछली सरकार की तरह जनता को धोखा दे रही है अगर नहीं तो क्यों इन बच्चों का ट्रांसफर किया गया और अगर इन बच्चों को ट्रांसफर ही करना था तो दाखिला नहीं देना चाहिए था।
उन्होंने पत्र के अंत में लिखा कि संस्था चाहती है कि आप इसकी पूरी जांच करें कि कमी कहां हुई और अधिकारियों द्वारा किया जा रहा दुर्व्यवहार दूबारा किसी और के साथ न हो इस पर कार्रवाई करें साथ ही इन बच्चों की लिस्ट बनाई जाए जो भी बच्चा जिस स्कूल के करीब रहता है उसे उसी स्कूल में भेज दिया जाए ताकि सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी को शिक्षा अभियान को सफलता मिले और जनता सरकार पर अपना विश्वास बनाए रखें। स्कूल के पास सार रिकार्ड मौजूद है स्कूल वाले उन बच्चों के अभिभावकों को फोन करके उन्हें बताएं कि उनके बच्चे का एडमिशन आपके घर के पास वाले स्कूल में करवा दिया गया है। उन्होंने आशा जाहिर कि है कि पत्र मिलते ही सरकार व आप इस पर जरूर ध्यान देंगे क्योंकि इनमें से बहुत से अभिभावकों ने अपने बच्चों का नाम ब्रह्मपुरी स्कूल में एडमिशन नहीं दिलवाया है और जल्द ही स्कूलों में परीक्षा शुरू होने वाली हैं और परीक्षा के कारण बच्चों का भविष्य खराब होने से बचा जाए। 

DONATION

Ansar Sound Box

Contact Form

Name

Email *

Message *