Friday 13 June 2014

शबे बारात पर बच्चों को गाड़ी न दें : साबिर हुसैन

साबिर हुसैन 

 नईं दिल्ली। हर साल शबे बारात की रात में कईं लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। इसमें कईं बार गलती खुद की होती है तो कईं बार दूसरे की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
दिल्ली पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी हर साल बाइक सवार हुड़दंग करने से बाज नहीं आते हैं और अपनी व दूसरों की जान को नुकसान पहुंचाते हैं। शबे बारात की रात इबादत की रात है। बाइक आदि से हुड़दंग मचाने की नहीं। वहीं नईं पीढ़ी-नईं सोच संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन का कहना है कि शबे बारात की रात को हम सैर सपाटे में तब्दील कर देते हैं जबकि यह गलत है। उन्होंने कहा कि यह रात ऐसी रात है जिसमें जितनी इबादत की जाए उतनी कम है।
जबकि वुछ नौजवान इन बातों को भूलकर अपनी ही दुनिया में मस्त हो जाते हैं और बाइक आदि से हुड़दंग मचाते हैं और यह समझते हैं कि आज पुलिस भी वुछ नहीं कहेगी जो कि गलत है। पुलिस धार्मिक भावनाओं के कारण उन्हें वुछ नहीं कहती।साबिर हुसैन न कहा कि सभी अभिभावकों को यह ध्यान रखना होगा कि आपका बच्चा आपकी गाड़ी तो नहीं ले जा रहा है। उन्हें गाड़ी न दें बल्कि इस रात की फजीलत के बारे में जानकारी दें जिससे सभी को फायदा होगा।

शबे बारात पर कार्यक्रम का आयोजन आज

नईं दिल्ली। हर साल शबे बारात की रात में कईं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इस रात की फजीलत के बारे में जानकारी दी जाती है। यह रात इबादत की रात कहलाती है। कहा जाता है कि इस रात में जितनी इबादत की जाए वह कम है क्योंकि यह रात साल में एक बार आती है जिसे शबे कदर की रात भी कहते हैं।
वहीं इस साल नईं पीढ़ी-नईं सोच संस्था की नौजवान (युवा) विंग की ओर से भी कार्यक्रम का आयोजन संस्था के वेंद्रीय कार्यांलय के निकट किया जाएगा। इसमें कईं सारे प्राोग्राम किए जाएंगे जैसे नात, तकरीर, बयान आदि। इसमें मदनी मस्जिद के इमाम जनाब हाफिज मो. इकराम, हाफिज मतीन, हाफिज शमसे आलम आदि अपने बयान व तकरीर देंगे। वहीं मदनी मस्जिद में पढ़ने वाले बच्चे भी नात व दीन की बातों की जानकारी देंगे। इसके लिए बच्चों को इनाम भी दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम की जानकारी संस्था के अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने दी कि संस्था की नौजवान विंग ने पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी ली है और उसे अंजाम दे रहे हैं।
इसमें मो. रियाज, डॉ. आर. अंसारी, मो. यामीन, पुरकान, गुलजार, मो. नसीम, मो. सज्जाद, मो. जसीम, मो. वुरबान, अंजार, मो. अरशद आदि नौजवानों का योगदान है।

VIR ARJUN 13-06-2014


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