Saturday 7 December 2013

پہلی بار ووٹ ڈالنے والوں نے گڑبڑایا سارا گنت

--چناؤ آیوگ دوارہ بانٹنے کے لئے دی گئیں پچا نہیں ملنے سے لوگوں میں کافی روش دیکھنے کو ملا

--گاندھی نگر کی متداتا سوچی ٹھیک کرنے کی شکایت کے بعد بھی وچھ نہیں ہوا

--رب العالمین۔ سمیہ سے صحیح پڑتال کر لی جاتی تو لوگ زیادہ سے زیادہ متدان کر سکتے تھے

نئیں دہلی۔ دہلی کا ہر ایک متداتا اپنا ووٹ ڈالنے کے لئے پورے جوش میں دکھا۔ اس میں وہ متداتا سب سے زیادہ جوش میں دکھے جنہوں نے اپنے مت کا پہلی بار پر یوگ کیا۔
متداتا جوش میں کیوں نہ ہو کیونکہ یہ جوش تو چناؤ آیوگ دوارہ ہر ضلعے میں جاگرکتا ویمپ لگاکر جو لوگ کو جاگرک کیا گیا۔ انکا پورن ساتھ دیا دہلی کی کئیں ساری سنستھاؤں نے۔
ہر متدان کیندر کا صبح سے ہی بھیڑ دکھنی شروع ہو گئیں تھی اسی کے ساتھ دیر شام تک ووٹنگ ہوتی رہی پرنتو گاندھی نگر ودھان سبھا کے متداتا اپنے ادھیکار کا پر یوگ کرنے کے لئے صبح سے شام تک ادھر سے ادھر چکر لگتے رہے کیونکہ بلند مسجد کالونی میں سبھی متدان کیندر بدل جانے کے کارن کافی پریشانی ہوتی رہی۔ چناؤ آیوگ دوارہ جو پچا بیئیلؤ کو بانٹنے کے لئے دی گئیں تھی وہ انہوں نے کالونی کے نیتاؤں کو دے دی جو که وہاں بانٹی نہیں گئیں جس سے لوگوں میں کافی روش بھی دیکھنے کو ملا۔
نئیں پیڑھینئیں سوچ سنستھا کے سنستھاپک و ادھیکش شری صابر حسین نے کہا که اسکی شکایت چناؤ آیوگ سہت سبھی سمبندھت ادھیکاریوں سے کی گئیں تھی که گاندھی نگر ودھان سبھا کی متداتا سوچی ٹھیک کر دی جائے نہیں تو متدان والے دن متدان کم ہونے کی آشانکا ہے اور وہی ہوا۔ لوگ ووٹ تو ڈالنا چاہتے تھے لیکن انہیں نہیں پتہ تھا که انکو ووٹ کس پولنگ بوتھ میں ڈالنا ہے۔ وچھ لوگوں کا کہنا تھا که ہمارے گھر کے وچھ ووٹ کسی پولنگ بوتھ میں تھے وچھ کسی میں۔ یدی سمیہ رہتے اسکی صحیح سے پڑتال کر لی جاتی تو لوگ زیادہ سے زیادہ متدان کر سکتے تھے۔
سنستھا کے اپادھیکش مو۔ ریاض نے بتایا که ہمارا پولنگ بوتھ نن۔ 17 تھا پرنتو ہمارے وچھ ووٹ پولنگ بوتھ نن۔ 15 تھے۔ دونوں پولنگ بوتھ کی دوری لگ بھگ آدھا کلومیٹر ہے۔ ایسے ہی وچھ اور ووٹ تھے جو انیہ پولنگ بوتھ میں تھے، وہاں پر لوگ ووٹ ڈالنے نہیں گئے کیونکہ پولنگ بوتھ دور تھا اور اسکی انہیں جانکاری نہیں تھی۔
سنستھا کے سچو انجار نے بتایا که ہم پورے دن لوگوں کو انکے صحیح پولنگ بوتھ کی جانکاری ایس ایم ایس سے دلواتے رہے جس سے کافی پریشانی کو ہم نے کم کیا۔ لوگوں کا کہنا تھا که چناؤ آیوگ بڑے بڑے دعوے تو کرتا ہے پرنتو جو ضروری ہے وہ کام نہیں کرتا۔ صابر حسین نے کہا که ہماری سنستھا کے سبھی پدادھیکاری و سدسیہ صبح سے ہی لوگوں کے گھروں پر جاکر ووٹ ڈالنے کے لئے کہتے رہے۔
انہیں انکے صحیح پولنگ بوتھ کی جانکاری دیتے رہے جس سے پولنگ زیادہ سے زیادہ ہو پرنتو یہ کوشش پورن روپ سے سپھل نہیں ہو سکی۔ یدی متداتا سوچی صحیح ہوتی تو پولنگ 85-90 پرتیشت تک جا سکتی تھی جو 65- 70 کے بیچ میں پھنس کر رہے گئیں۔

पहली बार वोट डालने वालों ने गड़बड़ाया सारा गणित

--चुनाव आयोग द्वारा बांटने के लिए दी गईं पचा नहीं मिलने से लोगों में काफी रोष देखने को मिला 
--गांधी नगर की मतदाता सूची ठीक करने की शिकायत के बाद भी वुछ नहीं हुआ
--.यदि समय से सही पड़ताल कर ली जाती तो लोग ज्यादा से ज्यादा मतदान कर सकते थे

हमारे संवाददाता
नईं दिल्ली। दिल्ली का हर एक मतदाता अपना वोट डालने के लिए पूरे जोश में दिखा। इसमें वह मतदाता सबसे ज्यादा जोश में दिखे जिन्होंने अपने मत का पहली बार प्रयोग किया।
मतदाता जोश में क्यों न हो क्योंकि यह जोश तो चुनाव आयोग द्वारा हर जिले में जागरुकता वैम्प लगाकर जो लोग को जागरुक किया गया। इनका पूर्ण साथ दिया दिल्ली की कईं सारी संस्थाओं ने।
हर मतदान केन्द्र का सुबह से ही भीड़ दिखनी शुरू हो गईं थी उसी के साथ देर शाम तक वोटिंग होती रही परंतु गांधी नगर विधानसभा के मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए सुबह से शाम तक इधर से उधर चक्कर लगते रहे क्योंकि बुलन्द मस्जिद कालोनी में सभी मतदान केन्द्र बदल जाने के कारण काफी परेशानी होती रही। चुनाव आयोग द्वारा जो पचा बीएलओ को बांटने के लिए दी गईं थी वह उन्होंने कालोनी के नेताओं को दे दी जो कि वहां बांटी नहीं गईं जिससे लोगों में काफी रोष भी देखने को मिला।
नईं पीढ़ी-नईं सोच संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने कहा कि इसकी शिकायत चुनाव आयोग सहित सभी संबंधित अधिकारियों से की गईं थी कि गांधी नगर विधानसभा की मतदाता सूची ठीक कर दी जाए नहीं तो मतदान वाले दिन मतदान कम होने की आश्ांका है और वही हुआ। लोग वोट तो डालना चाहते थे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनको वोट किस पोलिंग बूथ में डालना है। वुछ लोगों का कहना था कि हमारे घर के वुछ वोट किसी पोलिंग बूथ में थे वुछ किसी में। यदि समय रहते इसकी सही से पड़ताल कर ली जाती तो लोग ज्यादा से ज्यादा मतदान कर सकते थे।
संस्था के उपाध्यक्ष मो. रियाज ने बताया कि हमारा पोलिंग बूथ नं. 17 था परंतु हमारे वुछ वोट पोलिंग बूथ नं. 15 थे। दोनों पोलिंग बूथ की दूरी लगभग आधा किलोमीटर है। ऐसे ही वुछ और वोट थे जो अन्य पोलिंग बूथ में थे, वहां पर लोग वोट डालने नहीं गए क्योंकि पोलिंग बूथ दूर था और उसकी उन्हें जानकारी नहीं थी।
संस्था के सचिव अंजार ने बताया कि हम पूरे दिन लोगों को उनके सही पोलिंग बूथ की जानकारी एसएमएस से दिलवाते रहे जिससे काफी परेशानी को हमने कम किया। लोगों का कहना था कि चुनाव आयोग बड़े-बड़े दावे तो करता है परंतु जो जरूरी है वह काम नहीं करता। साबिर हुसैन ने कहा कि हमारी संस्था के सभी पदाधिकारी व सदस्य सुबह से ही लोगों के घरों पर जाकर वोट डालने के लिए कहते रहे।
उन्हें उनके सही पोलिंग बूथ की जानकारी देते रहे जिससे पोलिंग ज्यादा से ज्यादा हो परंतु यह कोशिश पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकी। यदि मतदाता सूची सही होती तो पोलिंग 85-90 प्रतिशत तक जा सकती थी जो 65- 70 के बीच में फंसकर रहे गईं।

VIR ARJUN 7-12-2013


VIR ARJUN 7-12-2013


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