नईं दिल्ली। हर साल शबे बारात की रात में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इस रात की फजीलत के बारे में जानकारी दी जाती है। यह रात इबादत की रात कहलाती है। कहा जाता है कि इस रात में जितनी इबादत की जाए वह कम है क्योंकि यह रात साल में एक बार आती है जिसे शबे कदर की रात भी कहते हैं।
वहीं इस साल नई पीढ़ी-नई सोच संस्था की नौजवान (युवा) विंग की ओर से भी कार्यक्रम का आयोजन संस्था के केंद्रीय कार्यालय के निकट किया जाएगा। इसमें कई सारे प्राोग्राम किए जाएंगे जैसे नात, तकरीर, बयान आदि। इसमें मदनी मस्जिद के इमाम जनाब हाफिज मो. इकराम, हाफिज मतीन, हाफिज शमसे आलम आदि अपने बयान व तकरीर देंगे। वहीं मदनी मस्जिद में पढ़ने वाले बच्चे भी नात व दीन की बातों की जानकारी देंगे। इसके लिए बच्चों को इनाम व संस्था की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम की जानकारी संस्था के अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने दी कि संस्था की नौजवान विंग ने पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी ली है और उसे अंजाम दे रहे हैं।
इसमें मो. रियाज, डॉ. आर. अंसारी, मो. यामीन, फुरकान, गुलजार, मो. नसीम, मो. सज्जाद, मो. जसीम, मो. कुरबान, अंजार, मो. अरशद, अबूजर, रिजवान, मो. साजिद आदि नौजवानों का योगदान है।
वहीं इस साल नई पीढ़ी-नई सोच संस्था की नौजवान (युवा) विंग की ओर से भी कार्यक्रम का आयोजन संस्था के केंद्रीय कार्यालय के निकट किया जाएगा। इसमें कई सारे प्राोग्राम किए जाएंगे जैसे नात, तकरीर, बयान आदि। इसमें मदनी मस्जिद के इमाम जनाब हाफिज मो. इकराम, हाफिज मतीन, हाफिज शमसे आलम आदि अपने बयान व तकरीर देंगे। वहीं मदनी मस्जिद में पढ़ने वाले बच्चे भी नात व दीन की बातों की जानकारी देंगे। इसके लिए बच्चों को इनाम व संस्था की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम की जानकारी संस्था के अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने दी कि संस्था की नौजवान विंग ने पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी ली है और उसे अंजाम दे रहे हैं।
इसमें मो. रियाज, डॉ. आर. अंसारी, मो. यामीन, फुरकान, गुलजार, मो. नसीम, मो. सज्जाद, मो. जसीम, मो. कुरबान, अंजार, मो. अरशद, अबूजर, रिजवान, मो. साजिद आदि नौजवानों का योगदान है।
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