नई दिल्ली। नई पीढ़ी-नई सोच संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष साबिर हुसैन ने बुलंद मस्जिद कालोनी के कब्रिस्तान को बढ़ाने के लिए उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री व शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया, डीडीए उपाध्यक्ष, महापैर पूर्वी दिल्ली एमसीडी, उपायुक्त पूर्वी दिल्ली एमसीडी, चेयरमेन/सचिव दिल्ली वक्फ बोर्ड, गांधीनगर विधायक अनिल कुमार वाजपेयी, धर्मपुरा वार्ड 233 की निगम पार्षद तुलसी को पत्र लिखा।
उन्होंने पत्र में लिखा कि बुलंद मस्जिद कालोनी जो पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र, गांधीनगर विधानसभा व धर्मपुरा वार्ड 233 के अंतर्गत आती है। इस कालोनी में एक कब्रिस्तान है जो कालोनी अनुसार तो ठीक है परंतु इस कालोनी के अलावा भी यहां पर मय्यतों को दफनाया जाता है जैसे जैन मंदिर शास्त्री पार्क, चांद मस्जिद शास्त्री पार्क, कैथवाड़ा, उस्मानपुर पहला, दूसरा पुस्ता, कैलाश नगर, अजीत नगर, धर्मपुरा, चंद्रपुरी, अजीत नगर, गांधीनगर आदि जिस कारण यह कब्रिस्तान काफी छोटा पड़ गया है।
उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि कब्रिस्तान के चारों तरफ काफी जमीन पड़ी है जिसे किसी भी ओर चैड़ा या बड़ा किया जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि रोजाना यहां लगभग 5-8 मय्यतों को दफनाया जाता है जिससे यह कब्रिस्तान छोटा पड़ रहा है। यदि इसे बढ़ाया अथवा चैड़ा किया जाए तो यह कालोनी वालों के साथ-साथ आस-पास से आने वाली मय्यतों को दफनाने में कोई परेशानी नहीं आएगी।
उन्होंने पत्र में लिखा कि यहां पर सभी कब्रें नई हैं जिस कारण यहां पर दूसरी मय्यतों को दफनाना मुश्किल है क्योंकि कोई भी क्रब जब तक अपने आप नहीं धंस जाती तब तक उसमें दूसरी मय्यत को दफनाया नहीं जा सकता। किसी भी क्रब को धंसने व दूबारा तैयार करने के लिए लगभग 3-4 साल लग जाते हैं। जबकि यहां 5-8 मय्यतों को रोजाना दफनाया जाता है ऐसे में यह कब्रिस्तान रोजाना छोटा होता जा रहा है।
उन्होंने पत्र के आखिर में लिखा कि इस ओर जल्द से जल्द ध्यान दें ताकि यहां हो रही परेशानी को कम किया जा सके क्योंकि यदि समय रहते यह परेशानी कम नहीं हुई तो यहां परेशानी बढ़ेगी। कब्रिस्तान को किसी भी ओर बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने पत्र में लिखा कि बुलंद मस्जिद कालोनी जो पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र, गांधीनगर विधानसभा व धर्मपुरा वार्ड 233 के अंतर्गत आती है। इस कालोनी में एक कब्रिस्तान है जो कालोनी अनुसार तो ठीक है परंतु इस कालोनी के अलावा भी यहां पर मय्यतों को दफनाया जाता है जैसे जैन मंदिर शास्त्री पार्क, चांद मस्जिद शास्त्री पार्क, कैथवाड़ा, उस्मानपुर पहला, दूसरा पुस्ता, कैलाश नगर, अजीत नगर, धर्मपुरा, चंद्रपुरी, अजीत नगर, गांधीनगर आदि जिस कारण यह कब्रिस्तान काफी छोटा पड़ गया है।
उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि कब्रिस्तान के चारों तरफ काफी जमीन पड़ी है जिसे किसी भी ओर चैड़ा या बड़ा किया जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि रोजाना यहां लगभग 5-8 मय्यतों को दफनाया जाता है जिससे यह कब्रिस्तान छोटा पड़ रहा है। यदि इसे बढ़ाया अथवा चैड़ा किया जाए तो यह कालोनी वालों के साथ-साथ आस-पास से आने वाली मय्यतों को दफनाने में कोई परेशानी नहीं आएगी।
उन्होंने पत्र में लिखा कि यहां पर सभी कब्रें नई हैं जिस कारण यहां पर दूसरी मय्यतों को दफनाना मुश्किल है क्योंकि कोई भी क्रब जब तक अपने आप नहीं धंस जाती तब तक उसमें दूसरी मय्यत को दफनाया नहीं जा सकता। किसी भी क्रब को धंसने व दूबारा तैयार करने के लिए लगभग 3-4 साल लग जाते हैं। जबकि यहां 5-8 मय्यतों को रोजाना दफनाया जाता है ऐसे में यह कब्रिस्तान रोजाना छोटा होता जा रहा है।
उन्होंने पत्र के आखिर में लिखा कि इस ओर जल्द से जल्द ध्यान दें ताकि यहां हो रही परेशानी को कम किया जा सके क्योंकि यदि समय रहते यह परेशानी कम नहीं हुई तो यहां परेशानी बढ़ेगी। कब्रिस्तान को किसी भी ओर बढ़ाया जा सकता है।
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